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Tuesday, December 29, 2015

कुछ यादें

मेरा तो बचपन बीत गया
खुशियों का मंजर सींच गया
कुछ खट्टी मिठी यादों के संग
वो कड़वी दिन भी बीत गया।
मेरा तो बचपन.....

कई रसीली यादें थी 
कई चटपटी सी फरियादें थी
वो नन्ही सी मुस्कान थी जिसपर 
पलकें थम थम जाती थी।
मेरा तो बचपन.....

कितने ही मौसम आये थे
सरदी गरमी भी लाए थे
लेकिन बसंत से गिला ही क्या
जो सपनों में भी तड़पाया था।
मेरा तो बचपन बीत गया
खुशियों का मंजर सींच गया ।।


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