संबंध में विच्छेद है
स्वर में मल्हार है,
गीत मे प्रीत है
भाव में संस्कार है,
मादकता में उन्माद है
प्रेम में श्रृंगार है।
संघर्ष में जीत है
यही मेरी प्रीत है,
अब बताओ हे सखे
क्या यही रीत है ।।
स्वर में मल्हार है,
गीत मे प्रीत है
भाव में संस्कार है,
मादकता में उन्माद है
प्रेम में श्रृंगार है।
संघर्ष में जीत है
यही मेरी प्रीत है,
अब बताओ हे सखे
क्या यही रीत है ।।