मुझ से रूठे हो दूर बैठे हो
पास आकर दिल को सुकून दे जाओ,
हम तो गैर नहीं अपने हैं
तुम भी यूँ ही गले से लग जाओ ।
तुम तो खुद ही एक समंदर हो
शबनम का एक कतरा ही पिला जाओ,
भूल ना पाऊँ एक पल भी तुझे
ऐसा बनकर हमें दिखला जाओ ।
हो सके तो ये एहसान करना
वरना खुद ही हमें मिटा जाओ ।।
पास आकर दिल को सुकून दे जाओ,
हम तो गैर नहीं अपने हैं
तुम भी यूँ ही गले से लग जाओ ।
तुम तो खुद ही एक समंदर हो
शबनम का एक कतरा ही पिला जाओ,
भूल ना पाऊँ एक पल भी तुझे
ऐसा बनकर हमें दिखला जाओ ।
हो सके तो ये एहसान करना
वरना खुद ही हमें मिटा जाओ ।।