बहुत बेबसी के
वो दो पल का साथ
कभी दिल-से-दिल
तो कभी हाथों से हाथ
कितने खुदगर्ज थे
मजधार में कभी हमदोनों
किसी ने हाथ बढ़ाकर
ना दिया डूबते का साथ ।।
वो दो पल का साथ
कभी दिल-से-दिल
तो कभी हाथों से हाथ
कितने खुदगर्ज थे
मजधार में कभी हमदोनों
किसी ने हाथ बढ़ाकर
ना दिया डूबते का साथ ।।