आज मैं हालते जिंदगी के
उस मुकाम पे जा पहूँचा हूँ
जहाँ तेरी यादों के सिवा
कुछ भी नहीं ।
वो मीठी मीठी बातें
ना तो पलकों में समाये
वो ढ़ेर सा प्यार,
सिर्फ अकेलापन
फिर भी न जाने क्यँ- ये दिल
बार बार - वक्त बेवक्त
सिर्फ तुमपे ही मिटने को मचलता है ।
वो भी आखरी साँस तक
जब तक कि न तुम आ जाओ,
और मेरे अधखुले होठों पे
अपनी प्यार की बँदों से
मेरी प्यास बुझा जाओ ।।