खुशी भी आयी थी
इस वर्ष, कई यादें पाकर
कुछ अपनी थी तो
कई पराई पाकर
गुजारी वक्त थी हमनें
बड़ी तन्हाई में
बहाई असुअन को
किसी की बेवफाई में ।
बेवफा फर्ज की वो
अपनी चिता जलायी थी
उसी जश्न में हमने भी
खुद को पाई थी
कोई शिकवा नहीं है
मौसम से ना घटाओं सें
शिकायत जिंदगी से है
ना बेवफाओं से
अलविदा है बीते वर्ष के
हर लम्हें को
अभिनंदन है
नूतन वर्ष के हर लम्हे को ।।
इस वर्ष, कई यादें पाकर
कुछ अपनी थी तो
कई पराई पाकर
गुजारी वक्त थी हमनें
बड़ी तन्हाई में
बहाई असुअन को
किसी की बेवफाई में ।
बेवफा फर्ज की वो
अपनी चिता जलायी थी
उसी जश्न में हमने भी
खुद को पाई थी
कोई शिकवा नहीं है
मौसम से ना घटाओं सें
शिकायत जिंदगी से है
ना बेवफाओं से
अलविदा है बीते वर्ष के
हर लम्हें को
अभिनंदन है
नूतन वर्ष के हर लम्हे को ।।