किसी अजनवी से
मुलाकात हुई
जैसे लगता था
वो मेरे दिल के पास हुई
होंठों से कुछ ना कही
मगर
आँखों से सारी बात हुई।
चेहरे पे लिए
होंठों की मुस्कान
आँखों में लिए
खुशियों की पैगाम,
वो चली तो लगा
दिल से दूर चली
लगता था साथ
मेरी नूर चली
वो नदी धाराओं के
संग चली
मुझे कश्ती समझ
नदी मे डुबो चली।।
मुलाकात हुई
जैसे लगता था
वो मेरे दिल के पास हुई
होंठों से कुछ ना कही
मगर
आँखों से सारी बात हुई।
चेहरे पे लिए
होंठों की मुस्कान
आँखों में लिए
खुशियों की पैगाम,
वो चली तो लगा
दिल से दूर चली
लगता था साथ
मेरी नूर चली
वो नदी धाराओं के
संग चली
मुझे कश्ती समझ
नदी मे डुबो चली।।