कितना दूर हो या पास,
कोई बात नहीं
इतना मजबूर हो
तो फर्क पड़ता है ।
भंवर में डूब जाए कश्ती,
ऐसी हालात नहीं
किनारे पे डूबता है,
तो फर्क पड़ता है ।
हौंसला हो तो इंसान,
गिरकर भी संभल सकता है
आँखों का प्यार,
लबों पे ना आये,
तो फर्क पड़ता है
जख्म हो गहरा फिर भी,
सह लेते है
अपनी चाहत पे,
किसी की नजर हो तो फर्क पड़ता है
टूट कर बिखरे हो जज्बात,
मोतियों की तरह
बुरे हालात को,
तमाशा बनाये तो,
फर्क पड़ता है ।
हर रोज नहीं रहता है,
वक्त एक सा
घोर अंधियारी में,
हाथ छुड़ाये तो फर्क पड़ता है ।
कुछ दूर साथ चलो ना चलो,
सफर कट जाएगी
जिंदगी भर के लिए,
जुदा हुए तो फर्क पड़ता है।
खून का रिश्ता है या नही
कोई बात नही
दिल का रिश्ता टूटता है,
तो फर्क पड़ता है।।
कोई बात नहीं
इतना मजबूर हो
तो फर्क पड़ता है ।
भंवर में डूब जाए कश्ती,
ऐसी हालात नहीं
किनारे पे डूबता है,
तो फर्क पड़ता है ।
हौंसला हो तो इंसान,
गिरकर भी संभल सकता है
आँखों का प्यार,
लबों पे ना आये,
तो फर्क पड़ता है
जख्म हो गहरा फिर भी,
सह लेते है
अपनी चाहत पे,
किसी की नजर हो तो फर्क पड़ता है
टूट कर बिखरे हो जज्बात,
मोतियों की तरह
बुरे हालात को,
तमाशा बनाये तो,
फर्क पड़ता है ।
हर रोज नहीं रहता है,
वक्त एक सा
घोर अंधियारी में,
हाथ छुड़ाये तो फर्क पड़ता है ।
कुछ दूर साथ चलो ना चलो,
सफर कट जाएगी
जिंदगी भर के लिए,
जुदा हुए तो फर्क पड़ता है।
खून का रिश्ता है या नही
कोई बात नही
दिल का रिश्ता टूटता है,
तो फर्क पड़ता है।।