चलो अच्छा हुआ
टूट गया मेरा दिल-
बिखर गये मेरे अरमां
बिखरे मोतियों की तरह,
जो कभी हमने
सजा के रखी थी अपनी आँखों में ।।
चलो अच्छा हुआ,
रूक गई ये धमनियाँ-
जो धड़कती थी-
कभी तेरी खातिर
कितने गमों के साथ मिलकर ।।
आ गई जुदाई के पल,
जो कभी देखा करते थे-
मिलने के लिए
हमदोनों मिलकर पास-पास ।।
चलो अच्छा हुआ
खुल गई मेरी आँखें सपनों को छोड़कर,
जिसमें किया करते थे-
गहरी प्यार की बातें
हमदोनों मिलकर साथ- साथ ।।
चलो अच्छा हुआ --
टूट गया मेरा दिल-
बिखर गये मेरे अरमां
बिखरे मोतियों की तरह,
जो कभी हमने
सजा के रखी थी अपनी आँखों में ।।
चलो अच्छा हुआ,
रूक गई ये धमनियाँ-
जो धड़कती थी-
कभी तेरी खातिर
कितने गमों के साथ मिलकर ।।
आ गई जुदाई के पल,
जो कभी देखा करते थे-
मिलने के लिए
हमदोनों मिलकर पास-पास ।।
चलो अच्छा हुआ
खुल गई मेरी आँखें सपनों को छोड़कर,
जिसमें किया करते थे-
गहरी प्यार की बातें
हमदोनों मिलकर साथ- साथ ।।
चलो अच्छा हुआ --