यादों में जिनकी खोया रहा
सारी सारी रात
दुल्हन जो बन सकी ना
आई ना बारात
उनसे जब नजरें मिली थी
मिलता था पैगाम
रात तो यूँ कट जाती थी
ढ़ल जाती थी शाम
पर ये आलम आज है कि
जाम है बदनाम
बढ़ जाए जब दर्द दिल की
तो कैसे कटती शाम
सोच के मैं खुद की हालत
आज हूँ हैंरान
मुफ्त में ही प्यार कर यारों
मैं हुआ बदनाम ।।
सारी सारी रात
दुल्हन जो बन सकी ना
आई ना बारात
उनसे जब नजरें मिली थी
मिलता था पैगाम
रात तो यूँ कट जाती थी
ढ़ल जाती थी शाम
पर ये आलम आज है कि
जाम है बदनाम
बढ़ जाए जब दर्द दिल की
तो कैसे कटती शाम
सोच के मैं खुद की हालत
आज हूँ हैंरान
मुफ्त में ही प्यार कर यारों
मैं हुआ बदनाम ।।