You are welcome for visit Mera Abhinav Ho Tum blog

Friday, December 30, 2016

एक शाम आखिरी शाम

यादों में जिनकी खोया रहा 
सारी सारी रात
दुल्हन जो बन सकी ना 
आई ना बारात

उनसे जब नजरें मिली थी 
मिलता था पैगाम 
रात तो यूँ  कट जाती थी 
ढ़ल जाती थी शाम

पर ये आलम आज है कि
 जाम है बदनाम
बढ़ जाए जब दर्द दिल की 
तो कैसे कटती शाम

सोच के मैं खुद की हालत 
आज हूँ हैंरान
मुफ्त में ही प्यार कर यारों 
मैं हुआ बदनाम ।।


Featured Post

जाने अनजाने